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जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है
जन्माष्टमी जिसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी कहा जाता है हिंदू धर्म में के लिए त्यौहार है। इस त्यौहार को कब मनाया जाता है यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर हाल साल मनाया जाता है। इस पर्व को हर साल मनाया जाता है श्रावण मास की अष्टमी तिथि को यह पर्व बड़े धूमधाम से मानते है।
भगवान श्रीकृष्ण का महत्व के रूप में।
तो भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म मथुरा में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार भी माना जाता है श्रीकृष्ण का जीवन कई घटनाओं और से भरा हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण धर्म और न्याय की स्थापना के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और गीता में जीवन के पर महत्वपूर्ण उपदेश दिए।

इस फोटो में देख सकते हैं कि भगवान श्री कृष्णा झूले पर झूला झूल रहे हैं उनके सामने बहुत सारा जो है पकवान रखा गया है और भगवान श्री कृष्ण जन्म अष्टमी के शुभ अवसर पर हर साल एक छोटा सा झूला पर बैठ कर उनको झुलाया जाता है जितना बड़ा मूर्ति है उसी उसी अनुसार झूला भी बनाया जाता है तो यहां पर देख सकते हैं कि छोटा मूर्ति है तो छोटा झूला पर झुलाया जा रहा है
भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव
भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्तजन उपवास रखते हैं और रात को 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाते हैं। इस दिन लोग विशेष पूजा उपवास करते हैं, मंदिर को भव्य सजावट की जाती है
जन्माष्टमी के इस अवसर पर विशेष रूप से दही हांडी का हर साल आयोजन कि जाती है ।
जिसमें युवा टीम बनाकर एक-दूसरे के कंधों पर चढ़कर दही हांडी तोड़ते हैं। यह भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं को दर्शाता है जब उन्होंने मटकी से उन्हें मटकी को तोड़कर माखन चुराना बहुत ही अच्छा लगता था और वह अपने दोस्तों के साथ ही मटकी को तोड़ते थे

जन्माष्टमी पकवान किया होता है
जन्माष्टमी पर पकवान बनाए जाते हैं जैसे कि पनीर, दही, चिरोटे ,और बहुत सारे मिठाइयां भक्त जनों के द्वारा बनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी के उत्सव के लिए इतना सारा पकवान बनाया जाता है
जन्माष्टमी त्योहार इसलिए मनाया जाता है जिसमें प्रेम भक्ति और सच्चाई का प्रतीक हो इसी तरह जन्माष्टमी हर साल भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन पर मनाया जाता है